Sant Shri Asaramji Amritvani
Sant Shri Asaramji Ashram,
August 2009 , Surat
Satsang Ke Mukhya Ans :
*सो संगति जल जाये जिसमे कथा नहीं राम की
बिन खेती के बाड़ किस काम की …
* लोभी धन के लिए रोता है , मोह़ी परिवार के लिए रोता है आँशु बहाता है , अहंकारी कुर्सी पद प्रतिष्ठा के लिए रोता है , लेकिन तेरा प्यारा भक्त तुझे पुकारते हुए मीरा की नाई विरह के आँशु बहाता है , धन्य हो जाता है ..पत्थर दिल तू संसार के लिए तो रोता पिघलता है , लेकिन प्रभु के लिए क्यों नहीं पिघलता ….
* जिसने अनुराग का दान दिया , उससे कण मांग लजाता नहीं
अपना पन भूल समाधी लगा ये पिहू का विहाग सुहाता नहीं ….
*राग करना है तो वैराग्य में ही राग करो , संसार का राग फँसाता है संसार की प्रीती आदमी को फँसाती है …भक्तिनिस्थ हो जाओ
ॐ हरी ॐ ॐ ॐ ….
ओमम्म्म्म…